हर साल देश मे राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है और ये परेड 8 किलोमीटर की होती है। यह परेड रायसीना हिल से सुरु होती है जोकि राजपथ इंडिया गेट के रास्ते से जाती है और लाल किला पर जाकर समाप्त होती है।
इस दौरान हमारे यहां गणतंत्र दिवस पर सम्मानित अतिथि आते है। पर क्या आपको पता है कि ये अतिथि कैसे आते हैं, इनका चयन कैसे होता है कौन, कौन आएगा ये तमाम सवाल जो आपके मन मे उठ रहे हैं तो उसका जवाब इस आर्टिकल में आपको मिलने वाला है।
इसलिए अगर आपको जानना है की गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन कैसे होता है उसकी प्रक्रिया क्या है तो इस आर्टिकल को पूरा पढें।
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन:
गणतंत्र दिवस के दिन भव्य परेड में मुख्य अतिथि किसे चुना जाएगा इस बात को लेकर काफी लम्बा विचार विमश किया जाता है। मुख्य अतिथि कौन होगा इसका चुनाव करते वक़्त इस बात को ध्यान में रखा जाता है कि इससे देश के राजनयिक हितों को लाभ मिलेगा या नही।
केंद्र सरकार पूरी सावधानी के साथ विचार करने के बाद ही किसी देश के प्रमुख चाहे वो प्रधानमंत्री हो या राष्ट्रपति हो उसको अपना निमंत्रण देती है।
विदेश मंत्रालय के कार्य:
इस पूरी प्रक्रिया में एक लंबा वक्त लगता है। यानी मुख्य अतिथि के चनाव की प्रक्रिया गणतंत्र दिवस से लगभग 6 महीने पहले सुरु हो जाती है। इतना ही नही ऐसे बहुत से मुद्दे होते है जिनपर विदेश मंत्रालय विचार करता है। खासतौर से भारत और उसके मित्र देशों केे बीच संबंधों को ध्यान में रखा जाता है और अलग अलग मुद्दों पर विचार किया जाता है।
अब आप ये भी जान लीजिए कि जब विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात को लेकर विचार किया जाता है कि कौन आएगा तो उसवक्त राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध के साथ साथ सैन्य सहयोग, पड़ोसी देश के साथ संबंध यानी जो आने वाला है उसको लेकर तमाम चीजो पर चर्चा की जाती है। इसके साथ साथ स्तिथियों में प्रमुखता जैसे मसलों पर लंबा विचार विमश होता है।
प्रधानमंत्री की मंजूरी:
ये सारी प्रक्रिया होने के बाद बाद विदेश मंत्रालय अतिथि को निमंत्रण देने के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी लेता है।
जब प्रधानमंत्री इस बात को लेकर सहमत हो जाते है कि कौन इस बार मुख्य अतिथि होंगे फिर जाकर राष्ट्रपति भवन की मंजूरी मांगी जाती है।
राष्ट्रपति की मंजूरी:
भारत के सर्वोच्च नागरिक यानी राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद जिस देश के व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में चुना जाता है उस देश के भारत में मौजूद राजदूत अतिथि को इस बात की जानकारी दी जाती है।
इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से मुख्य अतिथि से बातचीत करके उसको इस भव्य समारोह के लिए निमंत्रण भेजा जाता है।
लेकिन इन सब के बीच आपको ये बात भी जाननी जरूरी है की इतने लंबे प्रोसेस के बाद विदेश मंत्रालय में समझौतों की ओर भी काम किया जाता है। जबकि प्रोटोकॉल के तहत सारे इन्तेजामो पर काम किया जाता है।
मुख्य अतिथि के चुनाव के बाद क्या होता है:
मुख्य अतिथि का चुनाव होने के बाद अब बारी आती है उसके मिनट दर मिनट schedule की इसके अलावा यहां पर उन तमाम तैयारियों की जिसको सरकार और पूरा प्रशाशन साथ मिलकर तैयार करता है।
इन सभी के अलावा सरकारें अपनी पूरी तैयारी रखती हैं जो गणतंत्र दिवस से पहले से ही हो रहा होता है। इसके अलावा गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि की यात्रा एक राजकीय यात्रा होती है जो कि एक सर्वोच्च सम्मान है जो हम देश के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस के परेड को देखने के लिए दूसरे देशों के अतिथियों को आमंत्रित कर देते है।
उम्मीद करता हूँ कि इस आर्टिकल को पूरा पढने के बाद अब आप जान गए होंगे कि किस तरह से गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन होता होता है। अगर अब भी आपका कोई सवाल रह जाता है टी हमे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
hi
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